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गरीब और हमदर्दी बेहाल मजदूर ये सोचा ना था कहां जाते हैं ये लोग था जब तक उनका साथ यादें हर साल अब तक मैं खुश हूं तू अब साथ नहीं पछतावा नहीं अब कोई

Hindi ये अकिंचन तू अब तक कहां था Poems