पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था
ये सोचा ना था... ये सोचा ना था...
आज आँखों के सामने मंज़र वही दोहरा गया, जब मित्र की माँ के अंतिम दर्शन का अवसर मिला। आज आँखों के सामने मंज़र वही दोहरा गया, जब मित्र की माँ के अंतिम दर्शन का अवसर ...
मेरी दुनिया में, मेरे सबसे करीब थे, मेरे मां-बाप। वो दोनों दिन-रात करते थे संघर मेरी दुनिया में, मेरे सबसे करीब थे, मेरे मां-बाप। वो दोनों दिन-रात...
सूखी घास की महक लिए थोड़े गीले गीले से डेस्क बेंच सूखी घास की महक लिए थोड़े गीले गीले से डेस्क बेंच
जिन्दगी में मुझे अब ऐसे शख्स कि तलाश नहीं। जिन्दगी में मुझे अब ऐसे शख्स कि तलाश नहीं।